यू.पी: अब गन्ना किसानों को तौल के चार अवसर प्रदान होगे, किसान अब सप्लाई टिकट नंबर से भी करा सकेगे तौल!

 #Important News For Sugarcane Farmers#


प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के गन्ना विकास विभाग द्वारा "ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस" कार्यक्रम के तहत गन्ना किसानों की गन्ना विपणन सम्बन्धी समस्यायों का "सूचना प्रौद्योगिकी" द्वारा ठोस निराकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रथम बार ऐसी व्यवस्था की गयी है कि गन्ना किसान की हॉयल हुई पर्ची बेकार न जाये तथा इसके लिए किसान को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें और कृषक अपने समस्त गन्ने की आपूर्ति सुगमता पूर्वक कर सकें ।


यदि किसी किसान की कोई पर्ची निर्धारित समय में न तुलवाने के कारण हॉयल (Over date) हो जाती है तो उसी क्रमांक की पर्ची लगभग सात दिन बाद ई.आर.पी. के माध्यम से स्वतः रिवेलिडेट होकर पुनः किसान को प्राप्त हो जायेगी, जिस पर “H” भी अंकित होगा। यदि पुनः किसान निर्धारित अवधि तक गन्ना नहीं तुलवा पाता है तो उसी क्रमांक की पर्ची दोबारा रिवेलिडेट होकर पुनः किसान को प्राप्त होगी, जिस पर किसान अपना गन्ना तुलवा सकता है। इसी प्रकार किसान को तीसरी और चौथी बार भी अवसर दिया जाएगा। जिससे कृषक की हॉयल हुई पर्ची किसी भी दशा में बेकार नहीं जायेगी एवं उसे गन्ना तुलवाने के 4 अवसर प्राप्त होंगे।


 उन्होंने यह भी बताया कि गन्ना क्रय-केन्द्रों तथा चीनी मिल गेट पर गन्ना तुलवाने हेतु लाइन में लगे किसान की गन्ना पर्ची यदि मिल में खराबी या ट्रांसपोर्ट आदि की दिक्कतों के कारण हॉयल हो जाती है तो ऐसे किसानों को स्थानीय स्तर से 12 घण्टे तक अतिरिक्त समय प्रदान करते हुए तौल का अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जायेगा।


गन्ना आयुक्त ने कृषकों से यह अपील भी की है कि जिन कृषकों के मोबाइल नंबर गलत हैं वह उन्हें तत्काल ठीक करा लें अथवा ई-गन्ना एप्प के माध्यम से स्वतः ठीक कर लें तथा अपने मोबाइल इनबॉक्स को भी खाली रखें। जिन क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है वहाँ एक्नॉलेजमेंट शीट भेजी जा रही है
जिसके द्वारा अथवा ई-गन्ना एप्प व वेबसाइट से निर्गत सप्लाई टिकट नंबर को नोट करके भी किसान तौल करा सकते हैं। इस सुविधा का प्रदेश के गन्ना किसान भरपूर लाभ ले रहे हैं।






किसान नगरी

किसान नगरी किसानों के लिए नि:शुल्क काम करती हैं। यह नगरी किसानों के लिए खेती संम्बधित विभिन्न जानकारी साझा करती हैं। इस नगरी का उदेश्य किसानों को एक ही जगह खेती संम्बधी आवश्यकता ओं को उपलब्ध करवाना हैं।

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